Unified Pension Scheme Alert: सरकार ने पेंशन स्कीम में दिया बड़ा झटका – 30 सितंबर तक ले सकेंगे फैसला!

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सरकार ने कई केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान किया है। अब Unified Pension Scheme (UPS) और National Pension System (NPS) के बीच चुनाव करने की समय सीमा को बढ़ाकर 30 सितंबर 2025 कर दिया गया है। यह खबर खास तौर पर उन लाखों कर्मचारियों के लिए राहत की है, जिन्होंने पेंशन योजना चुनने में समयानुसार निर्णय नहीं ले पाए।

सरकार की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि चार महीने पहले जनवरी 2025 में ऐलान की गई पेंशन योजना के चुनाव में कुछ कर्मचारी उलझन में रह गए थे। कई बार stakeholders ने समय बढ़ाने की मांग की थी। इसी वजह से अब यह निर्णय लिया गया है कि कर्मचारी अब 3 महीने और सोच-समझकर UPS चुन सकते हैं।

सरकार ने साफ कहा है कि कोई भी कर्मचारी अगर अभी भी यह नहीं जान पाया है कि उन पर UPS लागू होगा या NPS, तो अब उसके लिए वक्त दे दिया गया है। UPS की विशेषता यह है कि इसमें पेंशन स्थिर मिलती है और Gratuity का लाभ भी मिलता है। वहीं NPS में पेंशन कर्मचारी के बचत और निवेश पर निर्भर होती है।

जो कर्मचारी 1 अप्रैल 2025 तक कार्यरत रहे हैं, वे UPS का चुनाव कर सकते हैं। वहीं जिनका सेवा निवृत्त होना 31 मार्च 2025 या उससे पहले हुआ है, उन्हें भी UPS का विकल्प मिलेगा यदि उन्हें कम से कम 10 साल सेवा मिली हो। साथ में, किसी मृत कर्मचारी के वैध जीवन साथी को भी UPS में शामिल होने का अधिकार है।

सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि UPS चुनने के बाद आपको NPS में लौटने की अनुमति नहीं होगी। इस एक ही बार का विकल्प तय करने के लिए लगातार कर्मचारियों का भरोसा जीतने और सही जानकारी देने का जिम्मा सरकार पर बढ़ गया है। सरकार ने यह पहल इसलिए की है ताकि कर्मचारी झटपट फैसला न लें और अपना भविष्य सुरक्षित कर सकें।

सरकारी सूत्रों का कहना है कि UPS चुनने वालों को पेंशन एक निर्धारित राशि के रूप में मिलेगी, जो हर महीने आती रहेगी, जबकि NPS में जमा और बाजार पर निर्भर करेगा। UPS में मिलने वाली Gratuity उनके भविष्य को पक्की राह दिखाएगी। इसलिए कई कर्मचारी UPS को ही सुरक्षित विकल्प मान रहे हैं।

सरकार की यह पहल कर्मचारियों में सकारात्मक माहौल लाएगी। अभी तक कई कर्मचारी संशय में थे कि UPS चुनने के बाद क्या फायदे और नुकसान होंगे। अब तीन महीने का विस्तारित समय मिलने से वे परिवार और आर्थिक स्थिति के अनुसार सोच सकते हैं।

सरकार ने पहले इसे सिर्फ 30 जून 2025 तक रखा था, लेकिन अब कर्मचारियों के दबाव और सलाहकारों के सुझाव से समय बढ़ाया गया है। अब तक UPS में स्विच करने की जानकारी सबसे ज्यादा बहस का विषय बनी हुई थी, लेकिन सरकार ने इसे प्राथमिकता दी और निर्णय में पारदर्शिता वाले कदम उठाए।

अभी तक ऐसे कई कर्मचारी रहे हैं जिन्होंने NPS का चुनाव कर लिया था क्योंकि UPS के फायदे और नुकसान स्पष्ट नहीं दिए गए थे। अब सरकार ने समय बढ़ाने के साथ UPS की सुविधाओं और नीतियों को समझाने के लिए अभियान शुरू करने की बात की है। इसके जरिए कर्मचारी अपनी पेंशन योजना को समझकर लें और भविष्य सुरक्षित रख सकें।

कर्मचारियों के आत्मबल के लिए यह सकारात्मक साबित होगा। अब लगभग 3 महीने बचे हैं। उस दौरान कर्मचारी अपने पेंशन फंड के विकल्प को समझेंगे। इससे उनके रिटायरमेंट की योजना मजबूत होगी। साथ ही परिवार की चिंता कम होगी।

सरकारी अधिकारियों का कहना है कि UPS चुनने के दबाव में आये कर्मचारी पीछे ना हटें, पहले ग्रेच्युटी, पेंशन, निवेश के फायदे समझें और फिर चयन करें। सरकार UPS के संबंध में जागरुकता अभियान भी शुरू करने की तैयारी कर रही है।

इसमें UPS के लाभ, भुगतान प्रारूप और भविष्य के आर्थिक फायदे की जानकारी दी जाएगी, ताकि कर्मचारी पहले डूबकर निर्णय लें। समय में बदलाव के बाद UPS चुनने वाले लाखों कर्मचारी अब सोच सकते हैं और सही विकल्प चुन सकते हैं।

सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि UPS चुनने के बाद वापस NPS नहीं जा सकेंगे। इसलिए यह एक बार का निर्णायक मोड़ होगा। सरकार आशा करती है कि बाद में कोई अफसोस ना हो।

अगले तीन महीने महत्वपूर्ण हैं। कर्मचारी जो UPS में स्विच करना चाहते हैं, उन्हें अब समर्थन, जानकारी और फैसले के लिए काफी मौका मिलेगा। साथ ही सरकार का जागरुक प्रयास इस निर्णय को सही दिशा देगा।

यह पहल Central Government Employees के भविष्य को ध्यान में रखकर की गई है। अब दिसम्बर या जनवरी में सरकार पेंशन खर्च का अनुमान लगाएगी और UPS के तहत मिली राशि का पूरा ब्यौरा तैयार करेगी।

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