सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के तदर्थ शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। इस फैसले में कोर्ट ने साफ कहा है कि Old Pension Scheme के तहत तदर्थ शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा। यह आदेश उत्तर प्रदेश सरकार की अपील को खारिज करते हुए आया है। इससे राज्य के लाखों शिक्षकों के दिल में उम्मीद की नई किरण जगी है। लंबे समय से ये शिक्षक पुरानी पेंशन योजना की मांग कर रहे थे, जो अब पूरी होने वाली है।
उत्तर प्रदेश में तदर्थ शिक्षक जिनका नियुक्ति 30 सितंबर 2000 से पहले हुआ था, उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2016 के फैसले को बनाए रखते हुए दिया गया है। हाईकोर्ट ने पहले ही कहा था कि इन शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के समान पेंशन और चयन एवं प्रोन्नत वेतनमान का लाभ दिया जाना चाहिए। लेकिन राज्य सरकार ने इस आदेश को मानने से इनकार किया था और सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है।
Old Pension Scheme के फायदे बहुत हैं। इसमें कर्मचारी को सेवा समाप्ति के बाद एक निश्चित और स्थिर पेंशन मिलती है, जो जीवन भर जारी रहती है। इसके विपरीत नई पेंशन योजना में कर्मचारी की पेंशन उसकी जमा राशि और निवेश पर निर्भर करती है। इसलिए देश भर के कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को वापस लाने की मांग कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के तदर्थ शिक्षकों के लिए यह फैसला इसलिए भी खास है क्योंकि उन्हें वर्षों से पुरानी पेंशन नहीं मिल रही थी। इस फैसले से उनके भविष्य की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी। साथ ही अब उन्हें चयन और प्रोन्नत वेतनमान के लाभ भी मिलेंगे। यह उनके वेतन और पदोन्नति के हिसाब से मिलने वाले फायदे हैं, जो नौकरी के दौरान मिलना चाहिए।
यह फैसला सिर्फ तदर्थ शिक्षकों के लिए नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए भी अहम है। इससे सरकार पर यह दबाव बढ़ेगा कि वे कर्मचारियों के अधिकारों और भत्तों का सम्मान करें। साथ ही यह फैसला अन्य राज्यों के कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन योजना की वापसी की उम्मीद देगा।
देश में वर्तमान समय में महंगाई की समस्या तो बनी हुई है, लेकिन स्थिर पेंशन योजना कर्मचारियों को आर्थिक सहारा देती है। यही कारण है कि पुरानी पेंशन योजना को कर्मचारी बहुत पसंद करते हैं। कई बार सरकार नई पेंशन योजना को बढ़ावा देने की कोशिश करती है, लेकिन कर्मचारी पुरानी योजना को प्राथमिकता देते हैं।
इस फैसले के बाद यूपी सरकार को भी पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे। साथ ही शिक्षकों के चयन और प्रोन्नत वेतनमान के मामलों को भी जल्द से जल्द निपटाना होगा। कोर्ट के आदेशों का पालन करना सरकार की जिम्मेदारी है।
पुरानी पेंशन योजना बहाली का यह फैसला उन लाखों शिक्षकों के लिए उम्मीद की किरण है, जो लंबे समय से इस योजना के लिए संघर्ष कर रहे थे। इससे उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति भी बेहतर होगी। शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले इन शिक्षकों के लिए यह न्याय का प्रतीक है।
इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा सर्वोपरि है। सरकार चाहे जितनी भी योजनाएं बनाए, लेकिन कर्मचारियों की मूल मांगों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसलिए यह निर्णय कर्मचारियों के लिए बेहद लाभकारी और सम्मानजनक है।