राजस्थान बोर्ड 5वीं और 8वीं में अब फेल भी होंगे बच्चे! जानें नया नियम और पासिंग मार्क्स Rajasthan Board 5th 8th Passing Marks Rule

Rajasthan Board 5th 8th Passing Marks Rule: राजस्थान के लाखों स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों और उनके माता-पिता के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। अब कक्षा 5वीं और 8वीं के बच्चों को सिर्फ परीक्षा देना ही नहीं, बल्कि उसे पास भी करना होगा। राजस्थान बोर्ड ने साल 2025 से एक नया नियम लागू कर दिया है, जिसके तहत अब छात्रों को फेल भी किया जाएगा।

जहाँ पहले बच्चों को बिना परीक्षा में पास हुए अगली कक्षा में भेज दिया जाता था, वहीं अब यह तरीका बदला जा रहा है। अब अगर कोई बच्चा तय पासिंग मार्क्स से कम नंबर लाता है, तो उसे सप्लीमेंट्री (पुनः परीक्षा) देनी होगी। और अगर उसमें भी पास नहीं हुआ, तो उसी कक्षा में दोबारा पढ़ाई करनी होगी। इस लेख में हम आपको इन बदलाव के बारे में पूरी जानकारी बताएंगें।


Rajasthan Board 5th 8th Passing Marks Rule

सरकार ने शिक्षा के स्तर को सुधारने और बच्चों की पढ़ाई को मजबूत करने के लिए यह नया नियम लागू किया है।

कक्षा 5वीं के लिए नियम

  • अगर कोई बच्चा परीक्षा में फेल होता है, तो उसे एक और मौका दिया जाएगा यानी सप्लीमेंट्री परीक्षा।

  • अगर बच्चा सप्लीमेंट्री में पास हो जाता है, तो अगली कक्षा में चला जाएगा।

  • अगर उसमें भी फेल हो गया, तब भी उसे अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाएगा।

  • यानी कक्षा 5वीं में फेल नहीं किया जाएगा, लेकिन पढ़ाई पर ज़ोर देने के लिए एक और मौका जरूर दिया जाएगा।

कक्षा 8वीं के लिए नया नियम

  • यहां पर मामला थोड़ा सख्त है।

  • जो बच्चे परीक्षा में फेल होंगे, उन्हें भी एक मौका मिलेगा यानी सप्लीमेंट्री परीक्षा।

  • अगर वो उसमें पास हो जाते हैं, तो ठीक है।

  • लेकिन अगर वे उसमें भी फेल हो गए, तो उन्हें उसी कक्षा में दोबारा पढ़ना होगा।

  • यानी अब कक्षा 8वीं में फेल होने का नियम पूरी तरह लागू कर दिया गया है।


क्यों लाया गया यह बदलाव?

सरकार का कहना है कि पहले बच्चे बिना मेहनत किए अगली कक्षा में चले जाते थे। इससे पढ़ाई का स्तर गिर रहा था। बच्चों और अभिभावकों में परीक्षा को लेकर seriousness नहीं रह गई थी। इसीलिए अब सरकार ने तय किया है कि जो पढ़ेगा, वही आगे बढ़ेगा।


पास होने के लिए कितने नंबर चाहिए?

सरकारी जानकारी के अनुसार, छात्रों को पास होने के लिए कम से कम 33% अंक लाना जरूरी होगा। इसका मतलब है:

  • 100 नंबर के पेपर में पास होने के लिए 33 नंबर लाने होंगे।

  • अगर बच्चा इनसे कम लाता है, तो वह फेल माना जाएगा।


पढ़ाई में सुधार के लिए ये नियम क्यों ज़रूरी है?

इस नियम से कुछ बातें साफ़ हो जाती हैं:

  1. बच्चों में पढ़ाई के प्रति seriousness आएगी।

  2. अभिभावक भी अब बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देंगे।

  3. स्कूल भी अब बेहतर पढ़ाई करवाने पर ध्यान देंगे।

  4. बच्चों को मेहनत करने की आदत लगेगी।


सप्लीमेंट्री परीक्षा क्या होती है?

सप्लीमेंट्री मतलब “एक और मौका”। अगर कोई बच्चा मुख्य परीक्षा में पास नहीं हो पाता, तो उसे दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा। इस परीक्षा में पास होने पर वह अगली कक्षा में जा सकता है।

लेकिन ध्यान रहे:
कक्षा 5वीं में अगर सप्लीमेंट्री में फेल भी हुए, तब भी अगली कक्षा में भेजा जाएगा।
लेकिन कक्षा 8वीं में फेल हुए, तो अगली कक्षा में नहीं भेजा जाएगा। उसे फिर से 8वीं पढ़नी होगी।


अभिभावकों को क्या करना चाहिए?

  1. बच्चों की पढ़ाई में समय दें।

  2. घर पर होमवर्क करवाएं और टेस्ट लें।

  3. बच्चों को समय पर स्कूल भेजें।

  4. अगर बच्चा कमजोर है, तो ट्यूशन या एक्स्ट्रा क्लास का इंतज़ाम करें।


बच्चों को क्या समझना चाहिए?

  1. पढ़ाई को हल्के में न लें।

  2. रोज़ाना स्कूल में पढ़ाए गए विषय को दोहराएं।

  3. टाइमटेबल बनाकर पढ़ाई करें।

  4. मोबाइल और टीवी से थोड़ी दूरी रखें।

  5. स्कूल में टीचर्स से सवाल पूछें, डरे नहीं।


📢 निष्कर्ष

राजस्थान सरकार का यह नया नियम पढ़ाई के स्तर को सुधारने की एक अच्छी कोशिश है। कक्षा 5वीं में फेल न करने की नीति के साथ सप्लीमेंट्री का मौका देना और कक्षा 8वीं में फेल करने का नियम लागू करना दिखाता है कि सरकार अब पढ़ाई को लेकर गंभीर हो गई है।

यह बदलाव न सिर्फ बच्चों, बल्कि अभिभावकों और स्कूलों के लिए भी एक अलार्म है कि अब समय आ गया है पढ़ाई को प्राथमिकता देने का।


FAQs

Q1. क्या अब 5वीं में भी बच्चे फेल होंगे?
उत्तर: नहीं, 5वीं में फेल नहीं किया जाएगा, लेकिन सप्लीमेंट्री परीक्षा का मौका जरूर दिया जाएगा।

Q2. क्या 8वीं में अब फेल कर सकते हैं?
उत्तर: हां, अगर छात्र मुख्य और सप्लीमेंट्री दोनों परीक्षाओं में फेल होता है, तो उसे फिर से 8वीं पढ़नी होगी।

Q3. पास होने के लिए कितने नंबर चाहिए?
उत्तर: कम से कम 33% अंक लाना जरूरी होगा।

Q4. ये नियम कब से लागू होंगे?
उत्तर: ये नियम साल 2025 की बोर्ड परीक्षाओं से लागू हो चुके हैं।

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